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कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे ने शनिवार को महानदी मंत्रालय भवन में कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन एवं मत्स्य पालन विभाग के अधिकारियों की संयुक्त बैठक लेकर विभागीय योजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की स्थिति की गहन समीक्षा की। चौबे ने विभागीय अधिकारियों को खाद-बीज की क्वालिटी, वितरण की व्यवस्था और मूल्य पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए । उन्होंने अधिकारियों को  निजी दुकानदारों के रासायनिक उर्वरकों के विक्रय की व्यवस्था और मूल्य की नियमित निगरानी करने कहा। किसी भी तरह की गड़बड़ी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।

कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य में किसानों को खाद-बीज को लेकर किसी भी तरह की परेशानी न हो, इसका विशेष रूप से ध्यान रखा जाना चाहिए। समितियों में मांग के अनुसार खाद-बीज की आपूर्ति की व्यवस्था होना चाहिये। बैठक में उद्यानिकी विभाग की योजनाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा के दौरान विभागीय अधिकारियों को राज्य में बाड़ी विकास कार्यक्रम का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने और पाम आयल के उत्पादन को  बढ़ावा देने चिन्हांकित क्षेत्रों में वृहद पैमाने पर पामवृक्ष का रोपण कराने के भी निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री के निर्देश के परिपालन में उन्होंने अधिकारियों को सभी गोठानों  में 30 जुलाई तक अनिवार्य रूप से चारागाह विकास अंतर्गत नेपियर घास का रोपण और हरे चारे की बुआई करने कहा। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत धान के बदले अन्य खरीफ फसलों की खेती के लिए चिन्हित सभी किसानों से  लगातार संपर्क कर मार्गदर्शन और प्रोत्साहन देने के निर्देश भी अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि किसानों को उच्च क्वालिटी का बीज उपलब्ध हो, यह सुनिश्चित करना विभागीय अधिकारियों की जिम्मेदारी है।

कृषि मंत्री ने राज्य में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए हर जिले के लिए लक्ष्य निर्धारित करने और देवभोग सहकारी समिति के समन्वय से दूध की बिक्री की व्यवस्था के निर्देश दिये। बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त ओर विभाग की सचिव डॉ. एम.गीता, विशेष सचिव कृषि डॉ. एस.भारतीदासन, संचालक कृषि यशवंत कुमार, संचालक पशुपालन एवं उद्यानिकी माथेश्वरण व्ही., संचालक मछली पालन व्ही.के.शुक्ला सहित कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और रायपुर संभाग के सभी जिलों के संबंधित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।