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जिले में गोधन न्याय योजना कामयाबी की राह पर : जिले में 4 करोड़ 89 लाख रु की गोबर खरीदी, 5 करोड़ रुपए की खाद बिक गई : 25 फीसदी खाद की बिक्री और होगी

  • गोधन न्याय योजना के माध्यम से स्वावलंबन की खुल रही है राह
  • दुर्ग जिले में खरीदी के आंकड़े बता रहे सफलता, कलेक्टर ने ली समीक्षा बैठक
  • अब तक ग्रामीण और शहरी निकायों ने गोबर खरीदी में हितग्राहियों को दी गई राशि से ज्यादा राशि का कंपोस्ट खाद बेचा, तेजी से हो रही शेष कंपोस्ट की बिक्री

द सीजी न्यूज डॉट कॉम

कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने आज नरवा, गरूवा, घुरुवा, बाड़ी योजना और गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा की। समीक्षा में 31 मार्च तक विक्रय किये गये गोबर से बने खाद के विक्रय की समीक्षा की। अफसरों ने बताया कि 31 मार्च तक लगभग ढाई लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई। इसमें 4 करोड़ 89 लाख रुपए हितग्राहियों को भुगतान किया गया। इससे कंपोस्ट खाद, सुपर कंपोस्ट और अन्य उत्पाद बनाकर लगभग 65 हजार क्विंटल वर्मी कंपोस्ट और सुपर कंपोस्ट तैयार किया गया। इसमें से 74 फीसदी उत्पाद बेचा जा चुका है। लगभग साढ़े चार करोड़ रुपए की राशि मिल चुकी है। पचास लाख रुपए की राशि बैंकों में ट्रांसफर की जा चुकी है।

इस प्रकार गोधन न्याय योजना के माध्यम से 4 करोड़ 99 लाख रुपए यानी लगभग पांच करोड़ रुपए का खाद बेचा जा चुका है। अभी 25 फीसदी खाद बेचना शेष है। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप गोधन न्याय योजना के माध्यम से स्वावलंबी गौठान की नींव रखे जाने की प्रक्रिया मजबूती से बढ़ रही है। कलेक्टर ने आज समीक्षा बैठक में अच्छा कार्य कर रहे निकायों की प्रशंसा की और अपेक्षा के अनुरूप प्रगति न लाने वाले निकायों को मानिटरिंग तेज करने कहा। गोधन न्याय योजना के लिए कार्य करने के निर्देश दिये।

कलेक्टर ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि गोबर खरीदी की मानिटरिंग करें। कलेक्टर ने कहा कि गोधन न्याय योजना ऐसी योजना है जिसमें स्थायी रूप से स्वावलंबन का मार्ग तैयार होता है। गोबर खरीदी से लेकर कंपोस्ट खाद निर्माण और इसके विक्रय की व्यवस्था करें। ग्रामीण क्षेत्रों में सोसायटियों के माध्यम से और सीधे किसानों को तथा शहरी क्षेत्रों में कंपोस्ट खाद की जरूरत वाले उपभोक्ताओं से संपर्क कर खाद की बिक्री सुनिश्चित करें। कलेक्टर ने कहा कि हर गौठान के साथ चारागाह भी होना चाहिए। गौठानों में पानी और चारा जैसी बुनियादी सुविधाएं रखने और  गोबर खरीदी नियमित रूप से जारी रखने के निर्देश दिये।

उन्होंने गौठानों में आजीविकामूलक गतिविधियों को भी बढ़ावा देने के निर्देश दिये। बैठक में भिलाई नगर निगम आयुक्त  ऋतुराज रघुवंशी, अपर कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना, जिला पंचायत सीईओ सच्चिदानंद आलोक, सहायक कलेक्टर हेमंत नंदनवार, रिसाली कमिश्नर प्रकाश सर्वे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

गौठान का निरीक्षण न करने वाले कृषि विस्तार अधिकारियों पर होगी कार्रवाई

कलेक्टर ने बैठक में कहा कि गौठानों में व्यवस्था सुचारू रूप से बनाये रखने के लिए इनका नियमित निरीक्षण और तकनीकी मार्गदर्शन जरूरी है। जिन अफसरों ने इस अहम कार्य में गंभीर लापरवाही बरती है, उनके खिलाफ निलंबन जैसी सख्त कार्रवाई की जाएगी। गौठान समितियों के माध्यम से काफी अच्छे कार्य गौठान में किये गये हैं। गौठान समितियों को इसके लिए राशि भी उपलब्ध कराई जाती है। इसका किस तरह से बेहतर उपयोग हो रहा है इसकी समीक्षा भी करने के निर्देश कलेक्टर ने दिये। उन्होंने शहरी क्षेत्रो में आयुक्तों और नगर पालिका अधिकारियों को हर दिन गोबर खरीदी की समीक्षा के निर्देश दिये।

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