एनएमडीसी का क्षेत्रीय मुख्यालय बस्तर में खुले
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज नई दिल्ली में केन्द्रीय पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस व स्टील मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से उनके निवास पर मुलाकात की और छत्तीसगढ़ शासन के बायोफ्यूल के क्षेत्र में निवेश प्रोत्साहन नीति को आगे बढ़ाने सहयोग का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने एनएमडीसी का क्षेत्रीय मुख्यालय बस्तर में स्थापित करने का आग्रह भी किया। गैर प्रबंधकीय पदों पर स्थानीय लोगों को रोजगार प्रदान करने और बस्तर क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने पर विचार करने की मांग भी की।
बघेल ने कहा कि अधिशेष खाद्यान्न पदार्थ से जैव एथेनॉल उत्पादन बनाने की अनुमति लंबे समय लिए मिलना चाहिए। न्यूनतम 10 वर्ष के लिए अनुमति देने की मांग की ताकि राज्य में बायो-एथेनॉल के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिल सके। इस पहल से जैव एथेनॉल के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री बघेल ने बताया कि छत्तीसगढ़ की 43 प्रतिशत कृषि योग्य भूमि में मुख्य फसल धान है। वर्ष 2018-19 में धान का उत्पादन 80.40 लाख टन था। राज्य की आवश्यकता 42.40 लाख टन की थी। इसके बाद 38 लाख टन सरप्लस धान बायोफ्यूल के लिये बचता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र की जैव ईंधन नीति 2018 के प्रावधानों के अंतर्गत छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में अतिरिक्त धान से बायो एथेनॉल सयंत्रांे की स्थापना को प्रोत्साहित करने निजी निवेश को आमंत्रित किया है। धान आधारित बायो एथेनॉल के विक्रय मूल्य को शीरा, शक्कर व शुगर सिरप से बने एथेनॉल के विक्रय दर के बराबर रखें तो पर्यावरण आधारित बायो एथेनॉल के उत्पादन में हमें काफी मदद मिलेगी। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इस पर विशेष बैठक लेकर उचित कार्यवाही करेगें।
गौरतलब है कि हर साल 6.5 प्रतिशत की दर से देश में उर्जा की खपत बढ़ रही है। पेट्रोलियम दिन-प्रतिदिन घट रहा है। इस दिशा में सरप्लस क्रॉप, बायोफ्यूल उत्पादन अच्छा विकल्प है। यह बढ़ती उर्जा खपत को पूरा करेगा। बायो एथेनॉल, उच्च गुणवत्ता का होता है। इंजन को और अधिक शक्तिशाली बनाता है। यह वायु प्रदूषण को भी कम करने में काफी कारगर है। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री से कहा कि यह ईंधन का सस्ता विकल्प है। इससे किसानों और अधिक फसल उत्पादन के लिए प्रोत्साहित होंगे। केन्द्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री की मांगों पर हर संम्भव मदद का भरोसा दिया है।