सीजी न्यूज रिपोर्टर
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक साल पहले आज ही के दिन शपथ ली थी। एक साल के कार्यकाल में मुख्यमंत्री ने राज्य के हर वर्ग का दिल जीतने वाले फैसले किए। जनहित में न सिर्फ बड़े फैसले किए गए बल्कि इन फैसलों का क्रियान्वयन भी किया गया। सबसे बड़ा फैसला किसानों की कर्जमाफी और 25 सौ रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी का रहा। हाफ बिजली बिल और एपीएल वर्ग को राशन कार्ड से सस्ती दर पर अनाज देने का बड़ा फैसला भी किया गया। एक साल के कार्यकाल में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की आत्मा यानी गांव-देहात, किसान, आदिवासी, महिलाओं के हित में कई ऐतिहाासिक फैसले लिए।
भूपेश सरकार ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति, पुरखों की विरासत को संजोने की दिशा में अहम निर्णय लिए। हरेली, तीजा, आदिवासी दिवस, छठ पर्व जैसे त्यौहारों पर छुट्टी देने का फैसला किया। राज्य के इतिहास में सबसे ज्यादा धान खरीदी भूपेश सरकार ने की है। पद की शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर न सिर्फ 80 लाख 37 हजार मीट्रिक टन धान खरीदी की गई बल्कि 25 सौ रुपए प्रति क्विंटल की दर से करीब 20 हजार करोड़ रूपए का भुगतान भी किसानों को किया गया।
सरकार ने 19 लाख किसानों के 11 हजार करोड़ रूपए का कर्ज माफ किया। सहकारी और ग्रामीण बैंक ही नहीं, व्यवसायिक बैंकों से लिया गया कृषि ऋण भी माफ किया। किसानों के ‘नॉन परफामिंग खातों’ का वन टाइम सेटलमेंट का फैसला लेकर किसानों को बड़ी राहत दी गई। किसानों का सिंचाई कर माफ किया गया। घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को 400 यूनिट तक आधा बिल माफ करने जैसे बड़े फैसले भी भूपेश सरकार ने लिए। एक और महत्वपूर्ण फैसला एपीएल वर्ग के राशन कार्ड बनाकर तीन सदस्यों के परिवार को 35 किलो चावल देने और तेन्दूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक 4 हजार रूपए मानक बोरा की दर से देने का फैसला भी किया गया।
बस्तर-सरगुजा और मध्य क्षेत्र विकास प्राधिकरण का गठन कर अध्यक्ष पद पर बस्तर-सरगुजा के स्थानीय विधायकों को नियुक्त किया गया। ग्रामीण अर्थक्रांति लाने नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी जैसे विशाल प्रोजेक्ट को शुरू किया गया। छोटे भूखंडों की खरीदी-बिक्री से रोक हटाने का फैसला लिया गया। पिछली सरकार ने इस पर रोक लगा रखी थी। लोग अपनी जरूरत के हिसाब से छोटे भूखंड खरीद-बेच सकते हैं।
इसी तरह लोहांडीगुड़ा के वनवासियों की जमीन वापस की गई। नक्सल प्रभावित इलाकों में बंद पड़े स्कूल फिर से शुरू किए गए। हाट-बाजार में स्वास्थ्य शिविर, आंगनबाड़ी केन्द्रों में सुपोषण भोजन, आदिवासियों को चना-गुड़ देने का फैसला किया गया।
किसानों को वादाखिलाफी के घाव देते रही भाजपा सरकार, सीएम भूपेश बघेल ने मरहम लगाया
बालोद जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता प्रकाश नाहटा ने कहा है कि भूपेश बघेल ने एक साल के कार्यकाल में समाज के हर वर्ग के हितों के लिए पूरी संवेदनशीलता के साथ योजनाओं की घोषणा की। पिछली सरकार घोषणावीर सरकार थी। भूपेश बघेल ने जो कहा, वो कर दिखाया। सच ये है कि जो कहा, उससे कहीं ज्यादा काम किया। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने घोषणापत्र में किसानों की कर्जमाफी और 25 सौ रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी का वादा किया था। उस समय तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह सहित उनके मंत्रियों ने कहा था कि दोनों घोषणाओं को पूरा करना असंभव है। भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद सिर्फ 2 घंटे में दोनों घोषणाओं को पूरा करने का ऐलान किया। अगले तीन माह में इन फैसलों का क्रियान्वयन भी कर लिया गया।
नाहटा ने कहा कि आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के एक साल का कार्यकाल पूरा हुआ है। भाजपा नेता आंख खोलकर देख ले कि दोनों घोषणाओं को पूरा कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने असंभव को संभव कर दिखाया है। केंद्र सरकार इस साल छत्तीसगढ़ में धान खरीदी में रोड़े अटकाने का काम कर रही है। इसके बावजूद किसानों के हितैषी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांग्रेस की घोषणा के अनुरूप इस साल भी 25 सौ रुपए की दर से धान खरीदने का फैसला किया है। फैसले का क्रियान्वयन शुरू हो चुका है। किसानों के खाते में धान की कीमत जमा होने लगी है। भूपेश सरकार जनहित के फैसले लेने वाली सरकार है। पिछली सरकार की तरह झूठी, भ्रष्ट और वादाखिलाफी करने वाली सरकार नहीं है।