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सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता भानुप्रताप ने संविधान बचाओ देश बचाओ सम्मेलन के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि दुनिया के इतिहास में पहली बार ये हुआ है कि कानून बनाने के बाद किसी सरकार को कानून का समर्थन लेने के लिए हजारों रैलियां करना पड़ रहा है। मिस कॉल से समर्थन जुटाया जा रहा है। इसके लिए बाकायदा मोबाइल नंबर जारी किया गया है। वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री सैकड़ों बार भाजपा के 12 करोड़ सदस्य होने का दावा करते हुए दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बता चुके हैं। अब वे खुद कह रहे हैं कि देशवासियों से अपील के बाद एक करोड़ लोगों ने नागरिकता कानून का समर्थन किया है। इसका मतलब ये है कि भाजपा के सदस्य भी एक्ट का समर्थन नहीं कर रहे। 12 करोड़ सदस्यों में से सिर्फ एक करोड़ सदस्यों ने ही सीएए का समर्थन किया। मतलब साफ है कि भाजपा के 11 करोड़ सदस्यों ने सीएए का समर्थन नहीं किया।
आरएसएस के इशारे पर देश को बांट रही केंद्र सरकार
इससे पहले सभास्थल पर भानुप्रताप ने कहा कि आरएसस के इशारे पर केंद्र सरकार ने सीएए और एनआरसी के माध्यम से देश को बांटने का काम कर रही है। देश की जनता को आरएसएस की साजिशों से सावधान रहने की जरूरत है। सुनियोजित तरीके से देश में लोकतंत्र की जड़ों को खोखला किया जा रहा है। सरकार ने जिस षड्यंत्र के साथ असंवैधानिक फैसले किए हैं, उससे देश बहुत बड़े संकट की ओर बढ़ रहा है। देश की जनता को आजादी की एक और लड़ाई लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए। हिंसा और नफरत शुरू से आरएसएस का एजेंडा रहा है। इसका विरोध अहिंसात्मक तरीके से किया जाएगा।
विपक्ष पूरी तरह घुटने टेक चुका
वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि 2014 में सरकार बनाने के बाद हर मामले में विफल रही भाजपा सरकार ने 2019 का चुनाव जीतने ईवीएम को बड़ा हथियार बनाया। इसके अलावा कई हथकंडे अपनाए गए। वोट की राजनीति के लिए लोगों की भावनाओं से खेला गया। पुलवामा हमले में 44 जवानों की शहादत दरअसल सुनियोजित साजिश का हिस्सा है। वोट की राजनीति के लिए इस हमले के जरिये गुमराह किया गया। देश के हालात देखने के बावजूद विपक्ष पूरी तरह घुटने टेक चुका है। चिंता की बात नहीं है। देश की जनता ने मोर्चा संभाल लिया है। एनआरसी और सीएए से किसी को डरने की जरूरत नहीं है। एकजुट होकर इन साजिशों का कड़ा जवाब दिया जाएगा। आर्थिक रूप से देश बर्बादी के कगार पर खड़ा है। सरकार से त्रस्त हो चुके देश के लोग अब सत्तारूढ़ भाजपा सरकार को भंग करने की मांग कर रहे हैं। भाजपा सरकार को तत्काल भंग कर नए सिरे से चुनाव कराने की मांग जोरशोर से उठाई जाएगी। भाजपा सरकार को बेदखल करने तक जारी रहेगा।
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