• अबूझमाड़ क्षेत्र के ग्राम कुरूसनार के सत्यनारायण उसेंडी ने पहली बार लैम्पस में बेचा धान
  • किसान क्रेडिट कार्ड सहित कृषि और उद्यानिकी विभाग की योजनाओं का मिला लाभ
  • कुरूसनार गांव के किसानों के खेत में कराया गया भूमि समतलीकरण, डबरी निर्माण, बोरवेल का काम
  • ओरछा विकासखंड के 4 गांवों में पूरा हुआ सर्वे का काम : अब 1041 किसानों को मिलेगा शासन की योजना का लाभ

द सीजी न्यूज डॉट कॉम

नारायणपुर के अबूझमाड़ क्षेत्र के किसान शुरू से खेती करते आ रहे हैं, लेकिन गांव का सर्वे न होने के कारण उनके पास पट्टे नहीं थे। इस वजह से न तो वे लैम्पस में धान बेच पा रहे थे और न ही उन्हें शासन की किसी योजना का लाभ मिल पा रहा था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व मेें अबूझमाड़ क्षेत्र के गांवों में राज्य सरकार द्वारा प्राथमिकता के साथ सर्वे का काम तेजी से कराया जा रहा है। इसका लाभ अबूझमाड़ के किसानों को मिलने लगा है।

ओरछा विकासखंड के चार गांव में राजस्व सर्वेक्षण का कार्य पूरा हो चुका है। वहां किसानों को मसाहती पट्टों का वितरण किया गया है। मसाहती पट्टा मिलने के बाद किसानों को अब शासन की योजनाओं का लाभ मिलना शुरू हो गया है। कुरूसनार गांव के एक किसान सत्यनारायण उसेंडी ने इस साल पहली बार लैम्पस में धान समर्थन मूल्य पर बेचा और उन्हें धान के एवज में 16 हजार रुपए मिले। राजीव गांधी किसान न्याय योजना की पहली किश्त की राशि भी मिली। हालांकि उन्होंने अभी अपने खाते की जांच कर नहीं देखा है कि उनके खाते में कितनी राशि आई है।

सत्यनारायण उसेंडी ने शनिवार 19 जून को नारायणपुर जिले में विकास कार्यों के लोकार्पण और भूमिपूजन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से वर्चुअल चर्चा के दौरान पट्टा मिलने पर धन्यवाद देते हुए बताया कि अब उन्हें शासन की योजनाओं का लाभ मिलने लगा है। अबूझमाड़ क्षेत्र में धान की खरीदी नहीं होती थी। मसाहती पट्टा मिलने से इस बार पहली बार उन्होंने लैम्पस में धान बेचा। उनका किसान क्रेडिट कार्ड बन गया है।

जिन गांवों का सर्वे हो गया है, वहां शासन की योजना के तहत किसानों के खेत में भूमि समतलीकरण और डबरी निर्माण किया गया है। पूरे गांव की फैंसिंग की गई है और किसानों के खेत में बोरवेल्स भी लगाए गए हैं। कृषि विभाग से अब किसानों को विभिन्न फसलों के बीज वितरण के साथ-साथ मार्गदर्शन भी दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उद्यानिकी विभाग की योजना में उनके खेत में ड्रिप लाइन बिछाई गई है और पॉली हाउस बनाया गया है। इसमें वे बरबट्टी की खेती कर रहे हैं। शासन की योजना से उन्हें काफी लाभ हुआ है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उनसे पूछा कि उनके गांव में कितने किसान खेती कर रहे हैं और उनके पास कितनी जमीन है। सत्यनारायण उसेंडी ने बताया कि उनके गांव में लगभग 40 किसान खेती कर रहे हैं। किसानों के पास 4 एकड़ से लेकर 8 एकड़ तक जमीन है। इस बार उन्होंने 10 क्विंटल धान पहली बार बेचा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने आदिवासियों के विकास के लिए कई योजनाएं शुरू की है। उद्यानिकी, मछलीपालन, सब्जी उत्पादन, धान उत्पादन से जुड़ी अनेक योजनाएं है। ज्यादा से ज्यादा लोगों को इन योजनाओं का लाभ लेना चाहिए।

राज्य सरकार द्वारा नारायणपुर जिले के ओरछा और नारायणपुर विकासखंड के गांवों का सर्वेक्षण किया जा रहा है। ओरछा के 237 और नारायणपुर विकासखंड के 9 गांवों में सर्वेक्षण नहीं हो पाया था। राज्य सरकार द्वारा इन गांवों का सर्वेक्षण प्राथमिकता के साथ किया जा रहा है। ओरछा विकासखंड के 4 गांवों को प्रारंभिक सर्वेक्षण पूरा हो गया है। उन्हें भुइंया सॉफ्टवेयर से जोड़ दिया गया है। इससे अब 1041 किसान शासन की योजनाओं का लाभ ले सकेंगे।