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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चिटफंड कम्पनियों से निवेशकों की जमा राशि वापस दिलाने तेजी से कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला स्तर पर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक की समिति बनाएं और चिटफंड कम्पनियों के विरूद्ध की जा रही कार्रवाई की प्रगति की हर हफ्ते समय-सीमा की बैठक में समीक्षा करें। जिला स्तर पर निवेशकों और स्थानीय लोगों से चिटफंड कम्पनियों की सम्पत्तियों की जानकारी लेकर वसूली के लिए नियमानुसार कार्रवाई करें
मुख्यमंत्री ने आज अपने निवास कार्यालय में आयोजित गृह विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक में निर्देश देते हुए कहा कि इसके लिए पोर्टल भी बनाया जा सकता है। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 187 अनियमित चिटफंड कंपनियों के विरूद्ध 427 प्रकरण पंजीबद्ध है। 265 प्रकरण न्यायालयों में विचाराधीन है। चिटफंड कंपनियों की संपत्ति कुर्क कर 9 करोड़ 32 लाख रु की वसूली की गई है और 17 हजार 322 निवेशकों को 7 करोड़ 86 लाख रु वापस किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस बल द्वारा सट्टा, जुआ, अवैध शराब के कारोबार जैसी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कार्रवाई की जाए। थाने स्तर का मैदानी अमला अपने कर्तव्यों का निर्वहन मुस्तैदी से करें। वरिष्ठ अधिकारी उनके कार्याें की लगातार मॉनिटरिंग करें।
मुख्यमंत्री ने बैठक में जेलों में निरूद्ध आदिवासियों की रिहाई के प्रकरणों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नक्सलियों के समर्पण एवं पुनर्वास योजना के तहत आत्मसमर्पित नक्सलियों को गृह विभाग के अलावा विभिन्न विभागों की कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित किया जाए। उन्होंने पुलिस जवानों के लिए जिलों में आवास सुविधा उपलब्ध कराने छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल द्वारा निर्मित आवासों को गृह विभाग द्वारा क्रय करने के प्रस्ताव पर सहमति दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जिले में कितने भवनों की आवश्यकता है, इसका आंकलन कर आवश्यकतानुसार छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल की कालोनियों में जवानों के लिए आवास लेने का प्रस्ताव तैयार किया जाए। इससे हर जिले में जवानों के लिए आवास की व्यवस्था हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने उप निरीक्षकों की भर्ती और बस्तर फाइटर्स की भर्ती प्रक्रिया में भी तेजी लाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने सुकमा और बीजापुर जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्याें में तेजी लाने कहा। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में किसानों को सोलर पम्प दिए जाएं। पंचायत भवन, आंगनबाड़ी भवन, उचित मूल्य की दुकान भवन स्वीकृत किए जाएं। पात्र लोगों को वन अधिकार मान्यता पत्र प्रदान कर उनकी भूमि पर मनरेगा से विकास कार्य कराए जाएं।
मुख्यमंत्री ने एलडब्ल्यूई योजना के तहत दोरनापाल-चिंतलनार-जगरगुंडा मार्ग का निर्माण जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। मार्ग पर लोहे के पुलों का उपयोग किया जाए, ताकि कार्य में तेजी आ सके। बैठक में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, पुलिस महानिदेशक डी. एम. अवस्थी, विशेष पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा, आर.के. विज, पुलिस महानिदेशक जेल संजय पिल्ले, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक होमगार्ड अरूण देव गौतम, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, नगरीय प्रशासन विकास विभाग की सचिव अलरमेलमंगई डी., गृह विभाग के सचिव उमेश अग्रवाल सहित गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।