द सीजी न्यूज डॉट कॉम
अमृत मिशन के कार्यों में लेटलतीफी को लेकर आज महापौर धीरज बाकलीवाल ने मिशन का काम कर रहे कंस्ट्रक्शन कंपनी और पीडीएमसी के अफसरों को कड़ी फटकार लगाई। बाकलीवाल ने पीडीएमसी, अमृत मिशन और निगम के अधिकारियों की बैठक लेकर मूलभूत कार्यों के साथ टंकी निर्माण व वार्डो में वाटर सप्लाई कार्य की समीक्षा की। बाकलीवाल ने वार्डों में पाइपलाइन के काम अधूरे रहने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की।
महापौर ने कहा कि पेंडिंग कार्यों को गंभीरता से पूरा कराया जाए। बैठक में जल कार्य प्रभारी संजय कोहले, एमआईसी मेंबर अब्दुल गनी, दीपक साहू, मनदीप सिंह भाटिया, पार्षद मनीष बघेल, बिजेंद्र भारद्वाज, लता ठाकुर, काशीराम रात्रे, एल्डरमेन अजय गुप्ता, पूर्व पार्षद कुलेश्वर साहू ,कार्यपालन अभियंता राजेश पाण्डेय, प्रभारी सहायक अभियंता एआर राहंगडाले, उपअभियंता राजेन्द्र ढबाले, भीमराव व जलकार्य निरीक्षक नारायण ठाकुर सहित पीडीएमसी और अमृत मिशन एजेंसी के अफसर मौजूद थे।
उन्होंने अमृत मिशन द्वारा नल कनेक्शन देने के बाद पानी न आने की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिये। अधिकारियों ने बताया कि दुर्ग नगर निगम में कुल 31536 कनेक्शन दिये जाने हैं। शिक्षक नगर, तकिया पारा, करहीडीह, ट्रांसपोर्ट नगर, हनुमान नगर, गंजपारा पारा, पोलसाय पारा व अन्य मोहल्लों में कनेक्शन लेने वाले नागरिकों के मकानों में पानी की सप्लाई नहीं हो रही है। इसके कारण इन मोहल्ले में पानी की समस्या है।
महापौर ने अधिकारियों से कहा कि जनता की समस्या को हल करना पहली प्राथमिकता होना चाहिए। निगम क्षेत्र में स्थापित 6 टंकियों में क्षमता के अनुरूप पानी का भराव नहीं हो रहा है। जिसके कारण पानी की समस्या बनी हुई है। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को मौके पर जाकर समस्या का निराकरण करने कड़े निर्देश दिये। उन्होंने 35 दिनों से पानी न आने की शिकायत पर अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। बाकलीवाल ने कहा कि जहां-जहां पानी की सप्लाई नहीं हो रही है, वहां टैंकर से पानी सप्लाई करने के निर्देश दिये।
पूर्व पार्षद कुलेश्वर साहू ने गंजपारा क्षेत्र में पानी न आने की शिकायत करते हुए अमृत मिशन के अधिकारियों पर नाराजगी जताई। अधिकारियों ने कहा कि पुरानी पाइपलाइन होने के कारण खराब हो गई है। इसके कारण पानी की सप्लाई में समस्या आ रही है। महापौर ने उरला में आईएचएसडीपी योजना के तहत बनाए मकानों में जल आपूर्ति के लिए प्रस्ताव बनाने और पार्षदों की शिकायतों का तत्काल निराकरण करने कड़े निर्देश दिये।